अपने दशो सर को जी भर आजमाने लगे है !रावण राज तो हर तरफ ही घना छाने लगे है !!राम भी इस युग में आने से घबराने लगे है !रामराज्य तो किताबो में पढाये जाने लगे है !!भुझ गयी चिंगारी ,कोई जलाता भी तो नहीं है !.वक़्त पर कोई संकटमोचन भी तो आता नहीं है !! कोई सुग्रीव देश की नैया भी पार लगता नहीं है ! अब कोई अंगद जैसा पैर भी तो जमाता नहीं है !!कोई सुग्रीव देश की नैया भी पार लगता नहीं है !अब कोई अंगद जैसा पैर भी तो जमाता नहीं है !!कोई सुग्रीव देश की नैया भी पार लगता नहीं है !अब कोई अंगद जैसा पैर भी तो जमाता नहीं है !!कोई सुग्रीव देश की नैया भी पार लगता नहीं है !अब कोई अंगद जैसा पैर भी तो जमाता नहीं है !!
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