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Hindi Shayri

कुछ सही तो कुछ खराब कहते हैं;
लोग हमें बिगड़ा हुआ नवाब कहते हैं;
हम तो बदनाम हुए कुछ इस कदर;
कि पानी भी पियें तो लोग शराब कहते हैं

अंगद ओझा !!




दोस्तों से दोस्ती निभाता हूँ मैं,
कि दोस्ती निभाना मेरी फितरत हैं,
दुश्मनों की दुश्मनी भूल जाता हूँ मैं
कि दुश्मनी भूल जाना मेरी आदत हैं..........




गम ने हसने न दिया, ज़माने ने रोने न दिया! 
इस उलझन ने चैन से जीने न दिया! 
थक के जब सितारों से पनाह ली! 
नींद आई तो तेरी याद ने सोने न दिया अंगद ओझा !!




दिल में छिपी यादों से मैं सवारूँ तुझे,
तू दिखे तो अपनी आँखों मै उतारू तुझे !
तेरे नाम को अपने लबों पर ऐसे सजाऊ,
गर सो भी जाऊ तो ख्वाबो में पुकारू तुझे !!


हर रोज़ बदलती हो तुम,
अपनी प्रोफाइल पिक्चर...
तुम कहीं ठहरो तो,
तब कोई पहचान बने...।।




जिस्म तो बहुत संवार चुके रूह का सिंगार कीजिये,
फूल शाख से न तोडिये खुशबुओं से प्यार कीजिये.










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