दिन हो या अँधेरा हो
दिन हो या अँधेरा हो चाहे शाम सवेरा हो
सोऊ तो सपनो में घनश्याम तुम्हे देखू
बस इतनी तमन्ना हैं मै श्याम तुम्हे देखू
घनश्याम तुम्हे देखू मैं श्याम तुम्हे देखू
सिर मुकुट सुहाना हो माथे तिलक निराला हो
गल मोतियन माला हो जब श्याम तुम्हे देखू
कानो में हो बाली लटके लट घुंघराली
अधरों पर हो मुरली जब श्याम तुम्हे देखू
घनश्याम तुम्हे देखू मैं श्याम तुम्हे देखू
सोऊ तो सपनो में घनश्याम तुम्हे देखू
बस इतनी तमन्ना हैं मै श्याम तुम्हे देखू
घनश्याम तुम्हे देखू मैं श्याम तुम्हे देखू
सिर मुकुट सुहाना हो माथे तिलक निराला हो
गल मोतियन माला हो जब श्याम तुम्हे देखू
कानो में हो बाली लटके लट घुंघराली
अधरों पर हो मुरली जब श्याम तुम्हे देखू
घनश्याम तुम्हे देखू मैं श्याम तुम्हे देखू
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