स्वागत है नववर्ष तुम्हारा
स्वागत है नववर्ष तुम्हारा, खुशियां लेकर आ जाना,
सूखी बगिया जीवन की है, बन बहार तुम छा जाना।
गीत नया दिल की महफ़िल में, आकर प्यारे गा जाना,
गहरे घाव सभी भर देना, सुख का साज़ बजा जाना।
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मार रहे जो आज मलाई, खाते हैं बैठे काजू,
सबक सिखाना उनको अब है, तुम पुख्ता रखना बाजू।
शारद का नित मान बढ़ाना, देना कभी नहीं आंसू,
बात खरी, सच्ची ही कहना, लिखना गीत सदा धांसू।
-राजकुमार धर द्विवेदी
सूखी बगिया जीवन की है, बन बहार तुम छा जाना।
गीत नया दिल की महफ़िल में, आकर प्यारे गा जाना,
गहरे घाव सभी भर देना, सुख का साज़ बजा जाना।
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मार रहे जो आज मलाई, खाते हैं बैठे काजू,
सबक सिखाना उनको अब है, तुम पुख्ता रखना बाजू।
शारद का नित मान बढ़ाना, देना कभी नहीं आंसू,
बात खरी, सच्ची ही कहना, लिखना गीत सदा धांसू।
-राजकुमार धर द्विवेदी
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