हो के सिंह पे सवारमाता आई भक्तो के पासओड़ चुनरिया लगा के मेहँदीथामे हाथ में भालापहने गले में मालामाता चली आई भक्तो के पासगूंज रही हर गली गलीमाता की ही जयकारकरके दर्शन भक्तोकरलो पूर्ण अभिलाषा आज माता आई है अपने भक्तो के पासजय माता दी
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