ऐ सुबह तुम जब भी आना;
सब के लिए बस खुशियां लाना;
हर चेहरे पर हँसी सजाना;
हर आँगन में फूल खिलाना।
सुप्रभात! अंगद ओझा सीवान ।।
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ऐ सुबह तुम जब भी आना;
सब के लिए बस खुशियां लाना;
हर चेहरे पर हँसी सजाना;
हर आँगन में फूल खिलाना।
सुप्रभात! अंगद ओझा सीवान ।।
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