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चाँद सितारे फूल खुश्बू ये तो सारे पुराने हैं

हूं हूं हूं हूं हूं हूं हूं
चाँद सितारे फूल खुश्बू ये तो सारे पुराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली खिली है हम उसके दीवाने हैं
अरे काली घटाएं बरखा सावन हो
काली घटाएं बरखा सावन ये तो सब अफ़साने हैं
ताज़ा ताज़ा कली ...

अंदाज़ हैं उसके नए नए नया नया दीवानापन ओ
पहना है ताज़ जवानी का हँस के लौट गया बचपन
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें हो
गीत ग़ज़ल सब कल की बातें उसके नए तराने हैं
ताज़ा ताज़ा कली ...

है रूप में इतना सादापन तो कितना सुंदर होगा मन हो
बिन गहने और सिंगार बिना वो तो लगती है दुल्हन
काजल बिंदिया कंगन झुमके ओ
काजल बिंदिया कंगन झुमके ये तो गुज़रे ज़माने हैं
ताज़ा ताज़ा कली ...

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